Wednesday, April 24, 2013

समाज



दोस्तों , समस्या समाज की है . 

समाज में जो एक अजीब सी कुंठा , विकृति , और रोगी मानसिकता है , उसका इलाज करना है , और ये संभव होंगा . अपने आसपास के परिवेश को एक नयी नज़र से देखने से. और साथ में ही , समाज सुधारको को आगे आकर इन कुंठाओं को समाप्त करने की कोशिश करनी चाहिए . 

ये बहुत आश्चर्य की बात है , कि जिस देश ने कामसूत्र को निर्माण किया वहां इस तरह की विकृति बसी हुई है और बीते बरसो में ये विकृति बढ़ी ही है . और इसका मुख्य कारण openness to internet for various obscene sites , extreme advertisements and skinny roles of woman in our films.

कल एक मित्र से बात हो रही थी, उसने कहा कि अगर इस देश में prostitution को legal कर दिया जाए तो , जो instant physical urge होती है / होंगी , उसे address किया जा सकेंगा . और इससे ये होंगा कि जो soft targets इन वहशियों का शिकार बन रहे है , उन हादसों में कमी आएँगी. 

एक दूसरा मित्र ने कहा कि इन गुनाहगारो को अगर खुलेआम फांसी दिया जाए और उसे हर में broadcast किया जाए तो दुसरे लोगो में एक डर का माहौल बनेंगा और दुसरे लोग इस तरह के कार्य करने से पहले सोचेंगे.

हमें स्कूल और कॉलेज में लडकियों के लिए martial arts  को जरुरी बनाना होंगा. इन जानवरों से बचने के उपाय खोजने होंगे . खुद की रक्षा अब खुद ही करना होंगा .

जो भी हो , इस देश को बदलना होंगा . और social networking के जरिये हम सब बहुत बड़ा impact इस society में create कर सकते है . 

आपके विचारों का स्वागत है मित्रो. [ कृपया शब्दों की मर्यादा बरते ] 
धन्यवाद 
विजय

Monday, April 22, 2013

आदमजाद


या खुदा 
इस दुनिया के आदमजाद को अक्ल दे ,
सोच और समझ दे ;

औरते सिर्फ जिस्म  के लिए नहीं होती ;
वो भी एक औरत ही है , जिसने इस आदमजाद को जन्म दिया !

औरते है तो दुनिया है !
इस बात को मजहब की तरह माने !!

या खुदा , 
इस दुनिया के आदमजाद को ये बता ,
कि औरत का वतन सिर्फ उसका बदन ही नहीं होता ,जैसा कि सारा शगुफ्ता ने कहा था !

या खुदा , 
आदमजाद को ये बता कि जानवर से भी बदतर होते जा रहा है वो . 
कोई औरत उसकी बेटी ,बहन ,बीबी भी हो सकती है.

या खुदा 
आदमजाद को इंसान बना !!!

Sunday, April 21, 2013

नैतिक मूल्य


दोस्तों , मुझे तो समझ में नहीं आता कि हम किस तरह के sick society में जी रहे है. आखिरकार , हमें हो क्या गया है , क्या हमारे नैतिक मूल्य इतने नीचे गिर गए है .एक छोटी सी बच्ची ! 
मुझे याद नहीं आता है कि पिछले १५-२० सालो में हमने  इस तरह की हैवानियत नहीं देखि है ... बीतते समय के साथ हम जानवर से भी बदतर होते जा रहे है. 
समय तो आ गया है की , हम खुद ही  प्रचार प्रसार करके इस system  को बदले. 
ईश्वर उस बच्ची को जीने की ताक़त दे. 
अमीन !!!

Wednesday, April 10, 2013

ये दिन भी गुजर जायेंगे ...


दोस्तों , अगर कोई मुश्किल दौर से गुजर रहे है तो बस इतना सा यकीन रखे ... कि ये दिन भी गुजर जायेंगे ... [  this shall too pass ....as they say ]  बस ज़िन्दगी और अपने इश्वर पर भरोसा रखे ... मैं दिल से आप सभी के लिए प्रार्थना करता हूँ .
आपका अपना
विजय