Saturday, March 23, 2013

शहादत


बहुत बरस हुए .... कुछ बावरे युवाओ ने आज के दिन , इस देश के लिए फांसी को चुना !  वैसे वो काल अलग था . लेकिन आज भी वही युग है . बस कुछ नहीं है तो वो जज्बा जो देश के लिए उस वक़्त के युवाओ में था.......


भगतसिंग ने अपनी जेल डायरी में लिखा था , ‘‘तुझे जिबह करने की खुशी और मुझे मरने का शौक है मेरी भी मर्जी वही जो मेरे सैयाद की है...’’

देश के आजाद होने से लेकर आज तक की पूरी सामाजिक प्रक्रिया में बहुत से बदलाव आये है . लेकिन देश , अफ़सोस कि , नहीं  बदल सका.  कहीं तो कोई चूक हुई है  .. चाहे वो हुक्मरानों से  हुई हो या फिर इस देश की दो पीढ़ीयों से .

पता नहीं ....दिल में बड़ा दर्द होता है ...... ये सोचकर कि , कहीं उनकी शहादत बेवजह तो नहीं हुई...!!



Sunday, March 3, 2013

काश

ये जो काश है न , वो दुनिया को हमेशा दो टुकडो में बाँट देता है .. क्या करे.. कुछ भी समझ नहीं आता है .. बस ईश्वर से एक प्रार्थना है कि वो दुनिया के दुसरे हिस्से के बन्दों को और मजबूती दे.

Saturday, March 2, 2013

बेवफाई

बात सिर्फ मोहब्बत की होती तो कुछ और बात थी.. 
चर्चे तेरी बेवफाई के हर गली ,हर द्वारे हो गए ..
अपने इश्क का कुछ ऐसा इनाम मिलेंगा , 
मुझे मालुम न था.. 
कि लोग तुझे बेवफा कहते है 
और मुझ पर हँसते है !!!!

Friday, March 1, 2013

रंगरेज


खुदा से बड़ा रंगरेज कोई दूसरा नहीं है यारो...  वो  किसे क्या देता है . क्यों देता है . कब देता है . किसलिए देता है ..... ये उसके सिवा कोई न जाने ... रब ही जाने ..मोहब्बत कुछ ऐसी ही नेमत है उस खुदा की .. !!!!