बस यूँ ही..........WRITINGS OF SILENCE......
Sunday, April 22, 2012
प्रेम
प्रेम
की व्यापकता बहुत बड़ी होती है , इतनी की उसमे जग समा जाए . और हर किसी के लिये प्रेम के मायने, आयाम, अनुभव और मतलब अलग लगा ही होते है .
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