Thursday, July 19, 2012

मेरा नाम


.......और मैं अब भी उस बारिश का इन्तजार कर रहा हूँ.....धुंध के बादल अब वापस जाने लगे है ... सोचते रहता हूँ. कि ....कोई किसी आसमां से मेरा नाम तो लेकर पुकारे......

.......क्योंकि अब जीवन की  उदास राहे एक मरे हुए शरीर के बोझ को ढोते ढोते थक गयी है ...

.........पर एक  उम्मीद  है  कि कोई सूरज बनकर जरुर आयेंगा !

आमीन

3 comments:

  1. जरूर आयेगा …………इसी उम्मीद की लौ को जलाये रखिये।

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  2. सुंदर अतिसुन्दर सारगर्भित रचना , बधाई

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