बस यूँ ही..........WRITINGS OF SILENCE......
Saturday, August 11, 2012
तुम नहीं हो ...
अक्सर जब मुड़कर देखता हूँ तो पाता हूँ कि तुम नहीं हो ...
कही भी नहीं हो ...
बस तुम्हारा अहसास है ..
2 comments:
vandana gupta
August 11, 2012 at 4:29 PM
बस अहसास ही काफ़ी है जीने के लिये
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nilesh mathur
August 28, 2012 at 3:52 PM
बहुत सुंदर.....
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बस अहसास ही काफ़ी है जीने के लिये
ReplyDeleteबहुत सुंदर.....
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