Friday, November 23, 2012

इश्क

जिस तरह से तेरा कुछ ,अब तलक मुझे में बाकी है ।
उसी ख्यालो -तसव्वुर में ;
मेरा भी कुछ , जरुर ; तुझमे बाकी होंगा ।
हाँ , ये अलग बात है की , 
इश्क हमेशा  जिंदा रहता है , 
और ; 
इश्क करने वाले  मर जाते है  -- जीते जी !!!

3 comments:

  1. आपका इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (24-11-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. लाजवाब...
    कोमल अहसास से परिपूर्ण
    भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
    :-)

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  3. वाह,बहुत खूब

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