Sunday, December 30, 2012

ओ री चिरैया...श्रद्धांजलि "दामिनी"






ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे!

ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
अंधियारा हैं घना और लहू से सना

किरणों के तिनके अम्बर से चुन्न के
अंगना में फिर आजा रे

हमने तुझपे हजारो सितम हैं किए
हमने तुझपे जहान भर के ज़ुल्म किए
हमने सोचा नही
तू जो उड़ जायेगी
ये ज़मीन तेरे बिन सूनी रह जायेगी
किसके दम पे सजेगा मेरा अंगना

ओ री चिरैया, मेरी चिरैया
अंगना में फिर आजा रे

तेरे पंखों में सारे सितारे जडू
तेरी चुनर थनक सतरंगी बुनूं
तेरे काजल में मैं काली रैना भरू
तेरी मेहँदी में मैं कच्ची धूप मलू
तेरे नैनो सजा दू नया सपना

ओ री चिरैया, मेरी चिरैया
अंगना में फिर आजा रे

ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
ओ री चिरैया

sketch © विजय कुमार
नज़्म  © सत्यमेव जयते

Saturday, December 29, 2012

वैसे , मरा कौन है ?

वैसे , मरा कौन है ? 
वो बच्ची , दामिनी , निर्भया तो नहीं मरी . निश्चिंत ही . वो तो सदा ही जीवित रहेंगी हमारे बीच , हमेशा ही . 
बल्कि 
मरे तो हम सब है , ये समाज है , ये देश है , यहाँ का कानून है , यहाँ की सरकार है , यहाँ का total system है , यहाँ की सोच मर गयी है . और तो और , यहाँ का सच्चा पुरुष ही मर गया है .

Friday, December 28, 2012

समाज

आओ मित्रो , कुछ बेहतर रचे , ताकि एक नया बदलाव समाज में आये . एक नयी सोच का जन्म हो . जीवन की गति को नए पंख चाहिए अब . प्रेम और मित्रता की शाश्वतता ही नए अंकुर को जन्म देंगी .

Wednesday, December 19, 2012

बलात्कार

मैंने कभी नहीं सुना या पढ़ा कि जानवर बलात्कार करते है. ये सब "शुभ" कार्य , सिर्फ हम इंसान ही करते है . शर्म आती है मुझे . क्या हम जानवरों से भी गए गुजरे है . हमारी मानसिकता कितनी घृणित हो चुकी है . हैरत की बात ये है की उत्तर भारत में ये ज्यादा हो रहे है . समस्या कुछ और है . एक total mental  overhaul की जरुरत है . 

Friday, December 7, 2012

मोहब्बत

मोहब्बत कुछ तुझमे ,कुछ मुझमे अब तलक है बाकी ....
दिल में तेरे और मेरे भी , आग अब तलक है बाकी ...
तुम कहते हो कि राख का ढेर है ;
मैं कहता हूँ कि थोडा सा कुरेदो ;
तुम पाओंगे कि इश्क की चिंगारियां अब तलक है बाकी ....!!