तुम न होती तो ..
तुम न होती तो ...मुझे कभी भी मौसम समझ में नहीं आते .
न फूल , न रंग , न ही हवा और न ही बारिश
और हाँ न , न ही उदासी , जो तुम्हारे नहीं होने की वजह से है .
तुम न होती तो न मुझे प्यार समझ आता और न ही बेवफाई ...
खुदा तुझे खुश रक्खे .....!
वाह! क्या बात है, सुंदर।
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ReplyDeleteजिन्दगी के इतने पाठ सिखाए जिसने,
ReplyDeleteक्यों उसने वफा के पाठ की गहराई को जाना नहीं ?
ये विडंबना कैसी है ? ए खुदा तुम्हारी
जमीन पर पाँव तुम्हारे नहीं , आकाश में न उड़ने की हिदायतें फिर देते क्यों हो
दुनिया की समझ देने वाले
तू क्यों? नासमझ निकला .......