दोस्तों , मुझे तो समझ में नहीं आता कि हम किस तरह के sick society में जी रहे है. आखिरकार , हमें हो क्या गया है , क्या हमारे नैतिक मूल्य इतने नीचे गिर गए है .एक छोटी सी बच्ची !
मुझे याद नहीं आता है कि पिछले १५-२० सालो में हमने इस तरह की हैवानियत नहीं देखि है ... बीतते समय के साथ हम जानवर से भी बदतर होते जा रहे है.
समय तो आ गया है की , हम खुद ही प्रचार प्रसार करके इस system को बदले.
ईश्वर उस बच्ची को जीने की ताक़त दे.
अमीन !!!
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