प्रेम अलग है , जीवन अलग है , समाज अलग है , प्रेम इन सब बातो से परे है , ऊपर है . सर्वोच्च है . प्रेम की अपनी ही बानगी है और अपना ही एक अलग जीवन , प्रेम इस समाज से परे एक और नए समाज में जीता है . प्रेम की असफलता के कई कारण हो सकते है , पर प्रेम के होने का एक ही कारण है और वो होता है सिर्फ प्रेम... और संसार की प्रेम कहानिया गवाह है की , प्रेम ने समाज को अपना नहीं समझा और समाज ने भी प्रेम को नहीं अपनाया .... लेकिन प्रेम की सफलता या असफलता ही ज़िन्दगी का जीने का आसरा बनता है .. ऐसा मेरा मानना है .
Friday, May 10, 2013
प्रेम
प्रेम अलग है , जीवन अलग है , समाज अलग है , प्रेम इन सब बातो से परे है , ऊपर है . सर्वोच्च है . प्रेम की अपनी ही बानगी है और अपना ही एक अलग जीवन , प्रेम इस समाज से परे एक और नए समाज में जीता है . प्रेम की असफलता के कई कारण हो सकते है , पर प्रेम के होने का एक ही कारण है और वो होता है सिर्फ प्रेम... और संसार की प्रेम कहानिया गवाह है की , प्रेम ने समाज को अपना नहीं समझा और समाज ने भी प्रेम को नहीं अपनाया .... लेकिन प्रेम की सफलता या असफलता ही ज़िन्दगी का जीने का आसरा बनता है .. ऐसा मेरा मानना है .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रेम की असफलता के कई कारण हो सकते है , पर प्रेम के होने का एक ही कारण है और वो होता है सिर्फ प्रेम....prem ki isse khobsurat paribhasha ho hi nahin sakti.....
ReplyDelete