दोस्तों ;
सारी दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है . एक बड़े हिस्से के लोगो की ये समस्या है कि वो क्या खाए ,क्योंकि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं है , पैसो के नहीं होने के कारण ! दुसरे छोटे हिस्से के लोगो की भी ये समस्या है कि वो क्या खाए ,क्योंकि उनके पास बहुत से विकल्प मौजूद है , पैसो के ज्यादा मात्र में होने के कारण !
दुनिया के इस घोर दुर्भाग्य के कारण मैं अपने आपको बहुत असहाय महसूस करता हूँ. आधी से ज्यादा दुनिया के लोग ; न ठीक से खा सकते है , न रहने को घर है और न ही कोई और मूलभूत सुविधाए उनके पास है !
एक रास्ता ये हो सकता है कि ; काश वो भाग्यशाली लोग - जिनके पास जरुरत से ज्यादा पैसा है , वो पूजा के स्थलों को दान देने के बजाय इन unfortunate इंसानों के लिए कुछ करते तो यही ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा होती .
बस एक बेहतर दुनिया के लिए प्रार्थना ही कर सकता हूँ मैं .
अमीन
विजय
सारी दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है . एक बड़े हिस्से के लोगो की ये समस्या है कि वो क्या खाए ,क्योंकि उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं है , पैसो के नहीं होने के कारण ! दुसरे छोटे हिस्से के लोगो की भी ये समस्या है कि वो क्या खाए ,क्योंकि उनके पास बहुत से विकल्प मौजूद है , पैसो के ज्यादा मात्र में होने के कारण !
दुनिया के इस घोर दुर्भाग्य के कारण मैं अपने आपको बहुत असहाय महसूस करता हूँ. आधी से ज्यादा दुनिया के लोग ; न ठीक से खा सकते है , न रहने को घर है और न ही कोई और मूलभूत सुविधाए उनके पास है !
एक रास्ता ये हो सकता है कि ; काश वो भाग्यशाली लोग - जिनके पास जरुरत से ज्यादा पैसा है , वो पूजा के स्थलों को दान देने के बजाय इन unfortunate इंसानों के लिए कुछ करते तो यही ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा होती .
बस एक बेहतर दुनिया के लिए प्रार्थना ही कर सकता हूँ मैं .
अमीन
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