Friday, January 31, 2014

प्रेम

जाने वाला तो कब का जा चूका है यार ,
और अब तो वो "शायद" तुम्हे भुला भी चूका है ...
लेकिन तुम अब भी उसी मोड़ पर खड़े हो ,
जहाँ उसने तुम्हारा साथ छोड़ा था .........

किस का इन्तजार है दोस्त.....कोई नहीं आयेंगा !
फूल सूख चुके है यादो की तरह .
चाँद भी बदल ही गया है उसकी तरह !
ये तुम्हारे दुःख है ....तुम्हे ही जीना होंगा इसे ....
प्रेम होता ही कुछ ऐसा है यार !


No comments:

Post a Comment