Sunday, August 31, 2014

अमृता प्रीतम

कई बाते ऐसी होती हैं की उन्हें लफ्जो की सजा नहीं देनी चाहिए...
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अमृता प्रीतम

अमृता , यदि आप न होती तो मेरी मुलाकात लफ्जों से नहीं होती. और न ही मैं आज कवि या कहानीकार होता . मेरे अलफ़ाज़ भी बस आपके ही कलम के हमसाया है . एक मुलाकात जो आपसे की है वो बस इस जन्म के लिए बहुत कुछ है . जन्मदिन मुबारका जी...!



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