कुछ सपने है जो मेरा पीछा नहीं छोड़ते है
और कुछ सपने है जिनका पीछा मैं नहीं छोड़ता हूँ.
और कुछ सपने है जिनका पीछा मैं नहीं छोड़ता हूँ.
पुराने सपने जीने नहीं देते है
और नये सपने मरने नहीं देते है
और नये सपने मरने नहीं देते है
और ज़िन्दगी कहती है.....यार मेरे, मैं भी तो तेरा एक सपना हूँ, आ सांस ले ले ज़रा.
© विजय का 3 AM लेखन
No comments:
Post a Comment