अब शायद ये समय आ गया है कि हम अपने अपने धर्मग्रंथो को फिर से पढ़े और समझे कि दुनिया के सारे धर्मग्रन्थ सिर्फ इंसान से प्रेम करना ही सिखाते है न कि नफरत करना........
इसी बहाने से हम अपने अपने ईश्वर / खुदा पर थोडा रहम करे, क्योंकि वो कभी नहीं चाहता है कि हम आपस में झगडे और उसके नाम पर मर मिटे और एक दुसरे को मारे .......
इकबाल ने कहा है......मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर करना !!!
अमीन
© विजय का 3 AM लेखन
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