Sunday, December 6, 2015

सपने और ज़िन्दगी

कुछ सपने है जो मेरा पीछा नहीं छोड़ते है
और कुछ सपने है जिनका पीछा मैं नहीं छोड़ता हूँ.
पुराने सपने जीने नहीं देते है
और नये सपने मरने नहीं देते है
और ज़िन्दगी कहती है.....यार मेरे, मैं भी तो तेरा एक सपना हूँ, आ सांस ले ले ज़रा.
© विजय का 3 AM लेखन

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