Tuesday, March 27, 2012

अक्सर ...!!


अक्सर साल गुजर जाते है ;
और पता भी नहीं चलता ....
लेकिन कोई कोई दिन ऐसा आता है कि ;
ज़िन्दगी फिर बरसो के लिए ठहर जाती है ...!
.....
कोई सड़क ...
कोई मोड़ ......
कोई छूटता हुआ हाथ ....
कोई नयी कहानी ..
........


कमबख्त मोहब्बत  न होती तो ही अच्छा था !!
ज़िन्दगी के दरख्तों में उम्र के पलो  को मिलते हुए तो देख लेता !!!

3 comments:

  1. ईमेल के द्वारा कमेन्ट :

    विजय जी
    सही कहा आपने…

    कोई कोई दिन ऐसा आता है कि
    जिंदगी फिर बरसो के लिये ठहर जाती है ....


    शुभकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  2. विजय जी
    सही कहा आपने…

    कोई कोई दिन ऐसा आता है कि
    जिंदगी फिर बरसो के लिये ठहर जाती है ....



    शुभकामनाओं सहित…
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  3. ज़िन्दगी के दरख्तों में उम्र के पलो को मिलते हुए तो देख लेता !!!

    बहुत खूब अहसास संजोये हैं।

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