अक्सर साल गुजर जाते है ;
और पता भी नहीं चलता ....
लेकिन कोई कोई दिन ऐसा आता है कि ;
ज़िन्दगी फिर बरसो के लिए ठहर जाती है ...!
.....
कोई सड़क ...
कोई मोड़ ......
कोई छूटता हुआ हाथ ....
कोई नयी कहानी ..
........
कमबख्त मोहब्बत न होती तो ही अच्छा था !!
ज़िन्दगी के दरख्तों में उम्र के पलो को मिलते हुए तो देख लेता !!!
ईमेल के द्वारा कमेन्ट :
ReplyDeleteविजय जी
सही कहा आपने…
कोई कोई दिन ऐसा आता है कि
जिंदगी फिर बरसो के लिये ठहर जाती है ....
शुभकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ReplyDelete♥
विजय जी
सही कहा आपने…
कोई कोई दिन ऐसा आता है कि
जिंदगी फिर बरसो के लिये ठहर जाती है ....
शुभकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
ज़िन्दगी के दरख्तों में उम्र के पलो को मिलते हुए तो देख लेता !!!
ReplyDeleteबहुत खूब अहसास संजोये हैं।