||| सज़दा |||
आज कहीं भी किसी स्त्री के साथ बलात्कार नहीं हुआ,
आज कहीं भी किसी औरत के साथ हिंसा नहीं हुई,
आज कहीं भी किसी लड़की की भ्रूण हत्या नहीं हुई,
......................................... ख़ुशी से हैरान ख़ुदा;
आज पहली बार आदमी के सज़दे में झुका हुआ है !!!
वि ज य
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मेरी हमेशा से ही ये wishful thinking रही है कि किसी रोज ऐसा कोई दिन आये, जब इस दुनिया में कहीं भी किसी भी औरत, बच्चे या बुढो के साथ कोई अत्याचार न हो , उन्हें कोई दुःख न पहुंचे, afterall वो हम आदमियों की जिम्मेदारी है . लेकिन अफ़सोस कि जब से होश संभाला है, न ऐसा कभी सुना और न ही ऐसा कभी जाना कि कभी कोई औरत या बच्चे या बुढो को इस दुनिया में कहीं कोई तकलीफ नहीं हुई हो. मेरी तो इस दुनिया के तमाम आदमियों से यही प्रार्थना है कि औरतो, बच्चो और बुढो को कभी भी किसी भी रूप में कोई तकलीफ न दे, यही हमारी सच्ची आदमियत होंगी और उस दिन वाकई दुनिया का परवरदिगार हमें सलाम करेंगा !
अमीन !!!
वि ज य
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